जानिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना क्या है? जानिए किसे मिलेगा लाभ।

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना :-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कोविड -19 संक्रमण काल ​​​​से उबरने वाले भारत में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना शुरू की। इसे आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का नाम दिया गया है।

उन्होंने खरीदारों और बिल्डरों के लिए आयकर का लाभ देने की भी घोषणा की। निर्यातकों को बढ़ावा देने के लिए 3 हजार करोड़ रुपये की सहायता का ऐलान किया गया। स्वास्थ्य सेवा समेत 26 संकटग्रस्त क्षेत्र भी अधिक कर्ज ले सकेंगे।

छोटे उद्योगों को मूलधन पर एक साल के लिए कर्ज न चुकाने की छूट भी मिलेगी | सीतारमण ने कहा कि एक लंबे और कड़े लॉकडाउन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत में जोरदार सुधार देखने को मिल रहा है |

GST संग्रह 10 प्रतिशत बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 10 और क्षेत्रों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाओं को मंजूरी दी है।

Scale for Aatm Nirbhar Bharat Rojgar Yojna

Establishments employing upto 1000 EmployeesEstablishments employing more than 1000 Employees
Employee’s Contribution (12% of Wages), Employer’s Contribution (12% of Wages), Total – 24% of WagesOnly Employee’s EPF contributions (12% of EPF Wages)
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना

रोजगार योजना के लाभार्थी मानदंड

यह योजना उन लोगों के लिए लागू होगी जो COVID महामारी के दौरान EPFO पंजीकृत प्रतिष्ठानों में शामिल हुए थे और इन प्रतिष्ठानों से बेदखल किए गए थे। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के लाभार्थी मानदंड इस प्रकार हैं: –

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “EPFO के तहत पंजीकृत किसी भी प्रतिष्ठान में नौकरी पाने वाले और 15,000 रुपये से कम आय वाले किसी भी व्यक्ति को इस योजना का लाभ मिलेगा।”
  • कोविड अवधि के दौरान 1 मार्च 2020 से 30 सितंबर 2020 के बीच नौकरी गंवाने वाले और 1 अक्टूबर को या उसके बाद नौकरी पाने वाले कर्मचारी पात्र होंगे।
  • योजना (Atmanirbhar Bharat Rozgar Yojana) की शुरुआत 1 अक्टूबर, 2020 से मानी जाएगी। इसके तहत कोरोना काल में नौकरी गंवाने वाले लोगों की सहायता की जाएगी। साथ ही कोरोना संक्रमण से उबरने के मौजूदा दौर में रोजगार देने वाली संस्थाओं को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की विशेषताएं

  • जिन प्रतिष्ठानों की कर्मचारी सीमा 50 से कम है, उन्हें कम से कम दो लोगों को रोजगार देना होगा और जिनकी सीमा 50 से ऊपर है, उन्हें कम से कम 5 लोगों को रोजगार देना होगा, तभी वे इस योजना के लिए पात्र होंगे। इसके तहत EPFO के तहत पंजीकृत संस्थानों को subsidy दी जाएगी। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना 30 जून 2021 तक लागू रहेगी।
  • आपातकालीन ऋण गारंटी सुविधा योजना का विस्तार भी 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है। इससे लघु उद्योगों को बिना गारंटी और बिना कुछ गिरवी रखे ऋण मिलेगा। इसके तहत अब तक 65 लाख लोगों को दो लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण बांटे जा चुके हैं। 50 करोड़ रुपये तक के कर्जदार अब बकाया कर्ज पर 20 फीसदी अतिरिक्त कर्ज ले सकेंगे।
  • स्वास्थ्य सेवा (ECLGS 2.0) के साथ कामथ समिति द्वारा चिन्हित 26 क्षेत्रों को योजना का लाभ मिलेगा। 29 फरवरी तक कर्जदार 50 से 500 करोड़ के दायरे में होंगे। यह प्लान 5 साल के लिए होगा। इसमें एक वर्ष के लिए ऋण की मूल राशि के भुगतान पर एक अधिस्थगन (ऋण की चुकौती से छूट की अवधि भी होगी)।
  • आत्मनिर्भर मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव(Aatm Nirbhar Manufacturing Production Linked Incentive) के अंतर्गत बेहतर प्रदर्शन करने वाले 10 सेक्टरों को 1.46 लाख करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसमें electronics, automobiles से लेकर telecom और pharmaceutical सेक्टर शामिल हैं।
  • मकानों की खरीद बढ़ाने के लिए रियल एस्टेट डेवलपर्स और खरीदारों को अब आयकर छूट का अधिक लाभ मिलेगा। इससे दोनों पर टैक्स का बोझ कम होगा। इसके लिए सरकार आयकर अधिनियम में बदलाव करेगी।
  • PM Garib Kalyan Rozgar Yojana के तहत दस हजार करोड़ की अतिरिक्त मदद। इसमें MNREGA और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से लोगों को रोजगार के साथ-साथ बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा।
  • कठिनाईयों का सामना कर रहे निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी सुविधा का विस्तार किया जाएगा। इसमें सरकार एक्जिम बैंक को 10 हजार करोड़ रुपये देगी। भारतीय निर्यातकों से खरीदारी करने वाले छोटे देशों को भी फायदा होता है।
  • प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत 1.52 लाख प्रतिष्ठानों को 8300 करोड़ रुपये का लाभ वितरित किया गया है। इससे 1.21 करोड़ लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ मिला है।
  • किसान क्रेडिट कार्ड के लिए 1.83 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 1.57 करोड़ किसानों को ये कार्ड दिए गए हैं और इसके माध्यम से 143262 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है।

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