दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना-लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण

गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले समस्त वर्ग के परिवारों को बीमार पड़ने पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवायें नि:शुल्क उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश में 25 सितम्बर 2004 से दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना लागू की गई है। इस योजना में रुपये 20000/- की सीमा तक नि:शुल्क जांच एवं उपचार की पात्रता एक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में होगी।

परिवार स्वास्थ्य कार्ड- योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले प्रत्येक पात्र परिवार को एक परिवार स्वास्थ्य कार्ड दिया जाता है। इस कार्ड में परिवार के मुखिया का फोटो तथा परिवार का पूरा विवरण दर्ज रहता है। भर्ती होकर इलाज कराने पर इलाज तथा जांच का विवरण भी इस कार्ड में दर्ज किया जाता हैं।

लाभ किन संस्थाओं में प्राप्त है- इस योजना के हितग्राहियों को उन शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में, जहां भर्ती सुविधा उपलब्ध है, भर्ती होकर उपचार कराने पर लाभ दिया जाना है। हितग्राही को इस योजना का लाभ शासन द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सा संस्थाओं में भी रिफर किये जाने पर प्राप्त होगा किन्तु जांच एवं ईलाज पर एक परिवार के लिये व्यय की सीमा अधिकतम रुपये 20000/- तक ही है।

जिला राज्य बीमारी सहायता निधि

उद्देश्य- जिला राज्य बीमारी सहायता निधि के अंतर्गत मध्यप्रदेश के निवासी, गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले गरीब व्यक्ति को घातक एवं जान लेवा बीमारी होने पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा नि:शुल्क चिकित्सा सेवा (रु. 25000 से 1,50,000 तक) उपलब्ध कराना है।

पात्र हितग्राही- मध्यप्रदेश के मूल निवासी, गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले व्यक्ति।

योजना का स्वरूप एवं कार्यक्षेत्र- जिला बीमारी सहायता निधि के आवेदन पत्र किसी भी स्वास्थ्य केन्द्र से प्राप्त किये जा सकते है। आवेदन भरने के उपरांत कलेक्टर के माध्यम से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पास जमा किये जाते हैं। इस योजना के तहत रु. 25000 से रु. 75000 के प्रकरणों का निर्णय प्रभारी मंत्री तथा जिला कलेक्टर द्वारा और रु. 75000 से 150000 के प्रकरणों पर निर्णय मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मध्यप्रदेश द्वारा लिया जाता है। इस सुविधा का लाभ सिर्फ शासकीय अस्पताल अथवा शासन द्वारा मान्यता प्राप्त निर्धारित अस्पतालों में इलाज कराने पर ही मिलता है। सहायता राशि का चेक अस्पताल के नाम पर होगा। इस योजना का लाभ एक व्यक्ति को एक बार ही मिले सकता है।

यह योजना सिर्फ निम्न बीमारियों के लिये है- 1. वक्ष शल्य क्रिया, 2. गुर्दा प्रत्यारोपण, 3. कूल्हे का बदला जाना,
4. घुटने का बदला जाना, 5. रीड की हड्डी का ऑपरेशन, 6. रेटिनल डिटेचमेंट, 7. हृदय शल्य क्रिया, 8. न्यूरो सर्जरी, 9. ब्रेन सर्जरी, 10. समस्त कैंसर रोग, 11. एम. डी.आर., 12. सिर की चोट जिसमें ऑपरेशन की आवश्यकता हो। 13. प्रसूति उपरांत जटिलताओं के इलाज हेतु।

सम्पर्क- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी।

जननी सुरक्षा योजना

उद्देश्य- इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को संस्थागत प्रसव कराने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है।

पात्रता- उन सभी गर्भवती महिलाओं को लाभ प्राप्त करने की पात्रता होगी जिनका प्रसव शासकीय अस्पताल के जनरल वार्ड में भर्ती रह कर कराया गया हो। मान्यता प्राप्त निजी संस्था में प्रसव कराने वाली गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों तथा अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग की महिलाओं को भी योजना से लाभ प्राप्त होगा।

योजना का स्वरूप एवं कार्यक्षेत्र- हितग्राही महिला को शासकीय अस्पताल के जनरल वार्ड में भर्ती रह कर प्रसव कराने पर ग्रामीण क्षेत्र में रुपये 1400 तथा शहरी क्षेत्र में रुपये 1000 की राशि दी जाती है। यह राशि प्रसवोपरांत एकमुश्त दी जाती है। हितग्राही महिला को इस योजना के अंतर्गत संस्थागत प्रसव के दौरान समस्त सेवायें (औषधी, सामग्री आदि) संबंधित शासकीय संस्थान द्वारा नि:शुल्क प्रदान की जाती हैं। इसके साथ ही गर्भवती महिला को अस्पताल तक पहुंचाने वाली प्रेरक महिला को भी ग्रामीण क्षेत्र में रुपये 600 शहरी क्षेत्र में रुपये 200 प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जननी सुरक्षा योजना मध्यप्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों, जिला चिकित्सालयों तथा अन्य सभी चिन्हाकित शासकीय अस्पतालों में जहां 24 घण्टें प्रसव की सुविधाएं उपलब्ध है, लागू की गई है। जननी सहयोगी योजना के अंतर्गत मान्यता प्राप्त सभी निजी चिकित्सालयों में भी योजना का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

दीनदयाल चलित अस्पताल योजना
(मोबाईल हेल्थ क्लीनिक)

उद्देश्य- राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचना।

योजना क्रियान्वयन की प्रक्रिया- इस योजना के तहत एक चलित वाहन का निर्माण कराया गया है जिसमें डॉक्टर, स्टाफ, जरूरी उपकरण एवं दवाईयों उपलब्ध हैं। यह चलित वाहन आदिवासी क्षेत्र के ग्रामों एवं हाट बाजारों में सभी वर्ग के लोगों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराता है।

दीनदयाल चलित अस्पताल योजना के अंतर्गत निम्नांकित स्वास्थ्य सेवायें नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं।

1. चिकित्सीय परामर्श, प्राथमिक उपचार प्राथमिक जांच व नि:शुल्क दवा वितरण।
2. प्रसव पूर्व एवं प्रसव उपरांत स्वास्थ्य परीक्षण व आवश्यक दवाईयों का वितरण।
3. मलेरिया व टी.बी. जांच के लिये रक्त एवं खखार पट्टी संग्रहण।
4. जटिल स्वास्थ्य संबंधी प्रकरणों की पहचान व आवश्यक उपचार के लिये शासकीय चिकित्सा संस्थाओं में मरीजों के रिफर करना।
5. टीकाकरण।
6. परिवार नियोजन के विभिन्न माध्यमों के संबंध में जानकारी।
7. विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार करना, स्वास्थ्य संबंधी परामर्श।

योजना प्रारंभ होने के प्रारंभिक स्थान- बैतूल (भीमपुर विकासखंड), श्योपुर (कराहल विकासखंड), मण्डला (मवई विकासखंड), झाबुआ (सोण्डवा विकासखंड), डिण्डोरी (बजाग विकासखंड), शहडोल (बुखार विकासखंड) अनूपपुर (पुष्पराजगढ़ विकासखंड), बालाघाट (बिरसा विकासखंड), उमरिया (पाली विकासखंड), जबलपुर (कुण्डम विकासखंड), सीधी (कुसुमी विकासखंड)। द्वितीय चरण में 52 विकासखण्डों में योजना प्रारंभ की जा रही है।

संपर्क- चलित अस्पताल द्वारा संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा नियत मार्ग व स्थान पर प्रात : दस बजे से शाम छह बजे तक सेवायें उपलब्ध कराई जायेंगी।

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