Financial assistance under Prevention of Atrocities Act

Scheduled Caste and Scheduled Tribe (Prevention of Atrocities) Act, 1989

योजना का नाम

अनुसूचित जाति/जनजाति(अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत आर्थिक सहायता (Financial assistance under Prevention of Atrocities Act) अधिनियम 1989

पात्रता

SC /ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के प्रावधनों के अन्तर्गत उत्पीड़ित व्यक्ति को ही इस योजना का लाभ प्राप्त होगा।

दी जाने वाली धनराशि

उत्पीड़ित SC /ST के व्यक्तियों को विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न की घटनाओं  में आर्थिक सहायता विभिन्न चरणों में दिये जाने का प्रावधान है।

वितरण की प्रक्रिया

अनुसूचित जाति के उत्पीड़ित व्यक्ति द्वारा पहले चरण में लाभार्थी को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान है, FIR दर्ज करने के बाद, सामान्य अपराध की स्थिति में उत्पीड़ित व्यक्ति को रू. 40000 / – से रू. 500000 / – तक की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है।

अनुसूचित जाति और जनजाति(अत्याचारनिवारण) नियम 1995 का संशोधन नियम 2011 के अनुसार दी जाने वाली धनराशि का विवरण

क्रम संअपराध का नामराहत की न्यूनतम राशि
(1)(2)(3)
1.अखाद्य या घृणाजनक पदार्थ पीना या खाना (धारा 3(1) (i)) प्रत्येक पीड़ित को अपराध के स्वरूप और गंभीरता को देखते हुए 60000/- रूपए या उससे अधिक और पीड़ित व्यक्ति द्वारा अनादर, अपमान, क्षति तथा मानहानि सहने के अनुपात में भी होगा। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगाः
I 25 प्रतिशत जब आरोप-पत्र न्यायालय को भेजा जाए।
II 75 प्रतिशत जब निंचले न्यायालयों द्वारा दोषसिद्ध ठहराया जाए।
2.क्षति पहुंचाना, अपमानित करना या क्षुब्ध करना (धारा 3(1) (ii))  
3अनादर सूचक कार्य (धारा 3(1) (iii))  
4सदोष भूमि अभिभोग में लेना या उस पर कृषि करना आदि,  (धारा 3(1) (iV)) अपराध के स्वरूप और गंभीरता को देखते हुए कम से कम 60000/- रूपए या उससे अधिक भूमि/परिसर/जल की आपूर्ति जहां आवश्‍यक हो, सरकारी खर्चे पर पुनः वापस की जाएगी। जब आरोप- पत्र न्यायालय को भेजा जाए पूरा भुगतान किया जाए।
5भूमि परिसर या जल से संबंधित (धारा 3(1) (V))
6बेगार या बलात्श्रम या बंधुआ मजदूरी (धारा 3(1) (Vi))प्रत्येक पीड़ित को कम से कम 60000/- रूपए, प्रथम सूचना रिपोर्ट की स्टेज पर 25 प्रतिशत और 75 प्रतिशत निचले न्यायालय में दोष सिद्ध होने पर।
7मतदान के अधिकार के संबंध में (धारा 3(1) (Vii))  प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को 50000/- रूपए, तक जो अपराध के स्वरूप और गंभीरता पर निर्भर है।
8मिथ्या द्वेष पूर्ण या तंग करने वाली विधिक कार्यवाही (धारा 3(1) (Viii)) 60000/- रूपए, या वास्तविक विधिक व्यय और क्षति की प्रतिपूर्ति या अभियुक्त के विचारण की समाप्ति के पश्‍चात जो भी कम हो।
9मिथ्या या तुच्छ जानकारी(धारा 3(1)(ix))
10अपमान, अभित्रास और अवमानना (धारा 3(1) (x))अपराध के स्वरूप पर निर्भर करते हुए प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को 60000/- रूपए, तक 25 प्रतिशत उस समय जब आरोप-पत्र न्यायालय को भेजा जाए और शेष दोष-सिद्ध होने पर।
11किसी महिला की लज्जा भंग करना (धारा 3(1) (xi))  अपराध के प्रत्येक पीड़ित को 120000/- रूपए, चिकित्सा जांच के पश्‍चात 50 प्रतिशत का भुगतान किया जाए और शेष 50 प्रतिशत का विचारण की समाप्ति पर भुगतान किया जाए।
12महिला का लैंगिक शोषण (धारा 3(1) (xii)) 
13पानी गन्दा करना (धारा 3(1) (xiii)) 250000/- रूपए, तक जब पानी को गन्दा कर दिया जाए तो उसे साफ करने सहित या सामान्य सुविधा को पुनः बहाल करने की पूरी लागत। उस स्तर पर जिस पर जिला प्रशासन द्वारा ठीक समझा जाए भुगतान किया जाए।
14मार्ग के रूढ़िजन्य अधिकार से वंचित करना (धारा 3(1) (xiv))  250000/- रूपए तक या मार्ग के अधिकार को पुनः बहाल करने की पूरी लागत और जो नुकसान हुआ है, यदि कोई हो, उसका पुरा प्रतिकर 50 प्रतिशत जब आरोप पत्र न्यायालय को भेजा जाए और 50 प्रतिशत निचले न्यायालय में दोष सिद्ध होने पर।
15किसी को निवास स्थान छोड़ने पर मजबूर करना (धारा 3(1) (xv))  स्थल बहाल करना। ठहराने का अधिकार और प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को 60000/- रूपए का प्रतिकर तथा सरकार के खर्च पर मकान का पुननिर्माण, यदि नष्ट किया गया हो। पूरी लागत का भुगतान जब निचले न्यायालय में आरोप-पत्र भेजा जाए। 
16मिथ्या साक्ष्य देना[(धारा3(2)(i)और (ii)]कम से कम 250000/- रूपए या उठाए गए नुकसान या हानि का पूरा प्रतिकर। 50 प्रतिशत का भुगतान जब आरोप-पत्र न्यायालय में भेजा जाए और 50 प्रतिशत निचले न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध होने पर।
17.भारतीय दंड संहिता के अधीन 10 वर्ष या उससे अधिक की अवधि के कारावास से दंडनीय अपराध करना [(धारा 3(2)]अपराध के स्वरूप और गम्भीरता को देखते हुए प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को या उसके आश्रित को कम से कम 120000/- रूपए यदि अनुसूची में विनिद़ष्ट। अन्यथा प्रावधान किया हुआ हो तो इस राशि में अन्तर होगा।
18.किसी लोक सेवक के हाथों उत्पीड़न [(धारा 3(२)(vii)]  उठाई गई हानि या नुकसान का पूरा प्रतिकर। 50 प्रतिशत का भुगतान जब आरोप पत्र न्यायालय में भेजा जाए और 50 प्रतिशत का भुगतान जब निचले न्यायालय में दोष सिद्ध हो जाय, किया जाएगा।
19निःशक्तता की परिभाषा निःश्‍क्त व्यक्ति (समान अवसर, अधिकार. संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 की धारा में यथा प्रदत्त होगी और उसके निर्धारण के लिए दिशानिर्देश सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तारीख 01.06.2001 की भारत सरकार अधिसूचना संख्या 154. समय-समय पर यथा संशोधित में अंतर्विष्ट होगी। अधिसूचना की एक प्रति अनुसूची के उपाबंध-2 पर संलग्न है।(क) 100 प्रतिशत असमर्थता (i) परिवार का न कमाने वाला सदस्य (ii) परिवार का कमाने वाला सदस्य (ख) जहां असमर्थता 100 प्रतिशत से कम है।                    अपराध के प्रत्येक पीड़ित को कम से कम 250000/- रूपए, 50 प्रतिशत प्रथम सूचना रिपोर्ट पर और 25 प्रतिशत आरोप-पत्र पर और 25 प्रतिशत निचले न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध होने पर। अपराध के प्रत्येक पीड़ित को कम से कम 500000/- रूपए, 50 प्रतिशत प्रथम सूचना रिपोर्ट/चिकित्सा जांच पर भुगतान किया जाए और 25 प्रतिशत जब आरोप-पत्र न्यायालय को भेजा जाए तथा 25 प्रतिशत निचले न्यायालय में दोष सिद्ध होने पर। उपर्युक्त क (i) और (ii) में निर्धारित दरों को उसी अनुपात में कम किया जाएगा, भुगतान के चरण भी वहीं रहेंगे। तथापि, न कमाने वाले सदस्य को 40000/- रूपए से कम नहीं और परिवार के कमाने वाले सदस्य को 80000/- से कम नही होगा।
20हत्या/मृत्यु   (क) परिवार का न कमाने वाला सदस्य (ख) परिवार का  कमाने वाला सदस्य प्रत्येक मामले में कम से कम 250000/- रूपये। 75 प्रतिशत पोस्टमार्टम के पश्‍चात और 25 प्रतिशत निचले न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध होने पर। प्रत्येक मामले में कम से कम 500000/- रूपए। 75 प्रतिशत का भुगतान पोस्टमार्टम के पश्‍चात और 25 प्रतिशत निचले न्यायालय में दोष सिद्ध होने पर।
21हत्या, मृत्यु, नरसंहार,बलात्संग, सामूहिक बलात्संग, गैग द्वारा किया गया बलात्संग, स्थायी असमर्थतता और डकैती का पीड़ित।उपर्युक्त मदों के अंतर्गत भुगतान की गई राहत की रकम के अतिरिक्त, राहत की व्यवस्था अत्याचार की तारीख से तीन माह के भीतर निम्नलिखित रूप से की जाएः-(i) अनुसूचति जाति और अनुसूचित जनजाति के मृतक की प्रत्येक विधवा और/या अन्य आश्रितों को 3000/- रूपए प्रति मास की दर स, या मृतक के परिवार के एक सदस्य को रोजगार या कृषि भुमि, एक मकान यदि आवच्च्यक हो तो तत्काल खरीद द्वारा।(ii) पीड़ितों के बच्चों की शिक्षा और उनके भरण-पोषण का पूरा खर्चा/बच्चों को आश्रम स्कूलों/आवासीय स्कूलों में दाखिल किया जाए।(iii) तीन माह की अवधि तक वर्तनों, चावल, गेहूं, दालों, दलहनों आदि की व्यवस्था। 
22 पूर्णतया नष्ट करना/ जला हुआ मकानजहां मकान को जला दिया गया हो या नष्ट कर दिया गया हो। वहां सरकारी खर्च पर ईट पत्थर के मकान का निर्माण किया जाए या उसकी व्यवस्था की जाए।”           

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