भारत एक कृषि प्रधान देश है। देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के तहत समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था की गई है। समर्थन मूल्य वह न्यूनतम मूल्य है, जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है।
2023-2024 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की गई है। इस वृद्धि से किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।
Minimum Support Prices – Fixed by Government (Rs.quintal)
2023-2024 में गेहूं, चना, मसूर, और सरसों का समर्थन मूल्य निम्नलिखित है:
फसल | समर्थन मूल्य (प्रति क्विंटल) |
---|---|
गेहूं | 2275 |
चना | 5440 |
मसूर | 6425 |
सरसों | 5800 |
2023-2024 में गेहूं का समर्थन मूल्य
गेहूं भारत की प्रमुख खाद्यान्न फसल है। 2023-2024 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹2275 प्रति क्विंटल है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले ₹150 प्रति क्विंटल अधिक है।
2023-2024 में चना का समर्थन मूल्य
चना एक महत्वपूर्ण दलहन फसल है। 2023-2024 के लिए चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹5440 प्रति क्विंटल है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले ₹105 प्रति क्विंटल अधिक है।
2023-2024 में मसूर का समर्थन मूल्य
मसूर भी एक महत्वपूर्ण दलहन फसल है। 2023-2024 के लिए मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹6425 प्रति क्विंटल है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले ₹425 प्रति क्विंटल अधिक है।
2023-2024 में सरसों का समर्थन मूल्य
सरसों भी एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है। 2023-2024 के लिए सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹5650 प्रति क्विंटल है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले ₹200 प्रति क्विंटल अधिक है।
MSP की भूमिका
MSP किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। MSP से किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाजार की अनिश्चितताओं से सुरक्षा मिलती है।
MSP से किसानों को अधिक उत्पादन के लिए प्रोत्साहन मिलता है। इससे देश में खाद्यान्न और अन्य कृषि उत्पादों का उत्पादन बढ़ता है।
MSP से खाद्य सुरक्षा में भी सुधार होता है। MSP से किसानों को अपनी फसल का उचित दाम मिलता है, जिससे उन्हें अपनी उपज बेचने के लिए बाजार में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इससे खाद्य सुरक्षा में सुधार होता है।
MSP में वृद्धि का महत्व
MSP में वृद्धि से किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलता है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होती है और वे अपनी खेती को और अधिक लाभदायक बना सकते हैं। MSP में वृद्धि से किसानों की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलता है।
MSP के प्रभाव
MSP से किसानों को अपनी फसलों का उचित मूल्य मिलता है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होती है और वे अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं। MSP से किसानों को अपनी फसलों को बेचने के लिए बाजार की अस्थिरता से भी बचाव मिलता है।
MSP से खाद्य सुरक्षा भी बढ़ती है। MSP से किसानों को अपनी फसलों को उगाने के लिए प्रोत्साहन मिलता है। इससे खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि होती है और खाद्य सुरक्षा मजबूत होती है।
निष्कर्ष
गेहूं, चना, मसूर, सरसों का 2023-2024 में समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को लाभ होगा। इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य मिलेगा।
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